गुलखैरा फार्मिंग: किसानों के लिए आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर गुलखैरा फूल की खेती क्यों फायदेमंद है?
पारंपरिक फसलों की तुलना में औषधीय गुणों से युक्त पौधों की खेती से ज्यादा मुनाफा होता है। गुलखैरा फूल की खेती भी इसी प्रकार से फायदेमंद है। इससे मिट्टी भी अधिक उपजाऊ होती है। इसलिए, किसानों की रुचि धीरे-धीरे इस प्रकार की पौधों की खेती में बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में, औषधीय गुणों से भरपूर गुलखैरा की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।
गेहूं, धान और मक्का जैसी पारंपरिक फसलों की खेती से इत्तर भी किसान अन्य पौधों की खेती की ओर रूख कर रहे हैं। इन्हीं में से है औषधीय पौधों की खेती। ऐसी ही है गुलखैरा फूल की खेती। जानिए इस फूल की खेती के बारे में ज़रूरी बातें।
जानकारों का ये भी कहना है कि लगातार खेत में एक जैसी ही फसल लगाने से मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। ऐसे में अगर धान या गेहूं की कटाई के बाद जब खेत खाली हो, तो उसमें औषधीय गुणों वाले पौधे लगा देने चाहिए। इसके दो फ़ायदे हैं, एक तो मिट्टी की उपर्वरता बढ़ेगी और किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी।
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